टिकट आबंटन की तरह प्रचार में भी पिछड़ी कांग्रेस, प्रधानमंत्री अब तक कर चुके हैं 68 हलके कवर

Like ticket allotment, Congress also lagged behind in campaigning

Like ticket allotment, Congress also lagged behind in campaigning

Like ticket allotment, Congress also lagged behind in campaigning- चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस जिस तरह से टिकट आबंटन के मामले में काफी पीछे रही है, उस तरह से प्रचार के मामले में भी पिछड़ती हुई नजर आ रही है। भाजपा प्रदेश में जहां "माइक्रो मैनेजमेंट" के माध्यम से प्रचार कर रही है वहीं कांग्रेस बिना किसी ठोस रणनीति के मैदान में उतरी है। प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में जहां सीधा मुकाबला है वहीं करीब एक दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां इनेलो-बसपा गठबंधन तो कहीं निर्दलीय प्रत्याशियों के कारण मुकाबला तिकोणा बन रही है।

हरियाणा के चुनावी रण में ताल ठोक रही इनेलो-बसपा, जेजेपी-असपा गठबंधनों ने भी अपने प्रत्याशियों का ऐलान समय रहते कर दिया लेकिन कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम दिन दोपहर 1 बजे अपनी अंतिम सूची जारी की। नामांकन के बाद शुरू हुए प्रचार का अगर आंकलन किया जाए तो हरियाणा में भाजपा प्रचार के मामले में काफी आगे निकल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के कुरूक्षेत्र, गोहाना तथा हिसार में रैलियों को संबोधित करके अब तक स्वयं 68 हलकों को कवर कर चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ऑडियो ब्रिज के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं के साथ अलग से संवाद कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के अलावा गृहमंत्री अमित शाह छह रैलियां, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ अब तक तीन रैलियां, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बिप्लब देव समेत कई नेता हरियाणा का दौरा करके चुनाव प्रचार में अपनी भूमिका दर्ज करवा चुके हैं।

दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस हाईकमान के नेता हरियाणा में उस समय आए जब प्रचार अंतिम चरण में दाखिल हो चुका था। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही सर्वाधिक रैलियां करके प्रचार में भाजपा को टक्कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की हरियाणा में एक बार तो रैलियां स्थगित हो चुकी हैं। प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान की तरफ से अभी तक राहुल गांधी ने ही दो रैलियों को संबोधित किया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी प्रदेश में प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा हाईकमान की तरफ से भेजे गए पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम,छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा समेत ज्यादातर नेता हरियाणा की बजाए चंडीगढ़ मुख्यालय पर आकर पत्रकार वार्ता को संबोधित करके गए हैं। कांग्रेस में अभी तक ज्यादातर रैलियां नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने ही की हैं। सीएम पद की दूसरी दावेदार कुमारी सैलजा दस दिन तक प्रचार से गायब रहने के बाद अब केवल अपने समर्थकों के हलकों में ही जा रही हैं।

हरियाणा में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे इंडियन नेशनल लोकदल व बहुजन समाज पार्टी की तरफ से ओम प्रकाश चौटाला तो नियमित प्रचार कर रहे हैं वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती दो बार हरियाणा आ चुकी हैं। प्रचार के लिहाज से इनेलो-बसपा भी कांग्रेस से आगे चल रहे हैं। जेजेपी व आजाद समाज पार्टी की तरफ से केवल पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला दोनो दलों के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका निभा रहे हैं। अकेले चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी की तरफ से पहले अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल तथा भगवंत मान ने प्रचार किया और जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल हरियाणा में रैलियां कर चुके हैं।

चुनाव कोई भी हो भारतीय जनता पार्टी उसे पूरी गंभीरता के साथ लड़ती है। भाजपा के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक ने हरियाणा के प्रत्येक मतदाता तक अपनी पहुंच करने का प्रयास किया है। यह चुनाव प्रदेश के भविष्य के लिए बेहद अहम है। भाजपा ने प्रचार के माध्यम से प्रयास किया है कि अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचकर उन्हें पार्टी की नीतियां बताई जाएं।

-प्रवीन अत्रे, मीडिया सचिव कार्यवाहक मुख्यमंत्री हरियाणा